मैं संघ परिवार से हूँ ,अपनी सेवाएँ अपने देश को ही अर्पित करूँगी- प्राची गुप्ता

मैं संघ परिवार से हूँ ,अपनी सेवाएँ अपने देश को ही अर्पित करूँगी- प्राची गुप्ता
भोपाल(राहुल अग्रवाल)–2/8/25
बीती शाम को मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में बडवाह की शान में एक और उपलब्धि शामिल हो गयी है । लंदन के किंग्स कॉलेज के भव्य दीक्षांत समारोह में जब बडवाह की प्राची गुप्ता को अपनी रिसर्च और गहन अध्ययन के लिए नवाज़ा गया तो बड़वाह क्षेत्र में हर्ष का माहौल देखने लायक़ हो गया । द पलेडियन हाऊस की चीफ एडुकेटर के रूप में वर्षों तक अपनी सेवाएँ दे चुकी प्राची गुप्ता के सैकड़ों विद्यार्थियों ने इस अवसर पर मिठाइयाँ बाँटकर अपनी खुशी ज़ाहिर की । प्राची गुप्ता ने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एम एड की पढ़ाई की तदुपरांत वे इन्टरनेशनल एजुकेशन पॉलिसी एंड सोसाइटी पर विशेष अध्ययन एवं रिसर्च करने के लिये लंदन के किंग्स कॉलेज गईं थी । अपने बेहतरीन परफ़ॉर्मेंस के चलते प्राची गुप्ता को शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया के नम्बर वन देश फिनलैंड में रिसर्च के लिए भेजा गया था । माइनस पाँच डिग्री तापमान वाले फिनलैंड में प्राची गुप्ता द्वारा किये गये रिसर्च वर्क को यू के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया और इसके लिए किंग्स कॉलेज ने इन्हें विशेष रूप से सराहा ।
हमारा देश शिक्षा में सिरमौर था और हम सबको मिलकर इसे फिर वही स्थान दिलाना होगा
भारत में शिक्षा सुधार कार्यक्रम के लिए प्राची गुप्ता की यह उपलब्धि बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है और निकट भविष्य में इनके अध्ययन और शोध कार्यों को केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने की योजना भी है । प्राची गुप्ता ने बताया कि वर्तमान केंद्र सरकार इस दिशा में पर्याप्त गंभीरता से प्रयास कर रही है और उनको विश्वस्तरीय अध्ययन कर्ताओं की आवश्यकता भी है ।
लंदन में या यूनेस्को में अपनी सेवाएँ देने के विषय में बात करने पर प्राची गुप्ता ने बताया कि मैं संघ परिवार से हूँ और मेरे लिए मेरा देश सर्वोपरि है इसलिए मैं अपने देश के लिए ही शिक्षा क्षेत्र में आगे अपनी सेवाएँ देने की कोशिश करूँगी । प्राची गुप्ता का मानना है हमारा देश शिक्षा में सिरमौर था और हम सबको मिलकर इसे फिर वही स्थान दिलाना होगा । यह हम जैसे तमाम अध्ययनशील युवाओं के प्रयासों से ही संभव हो सकता है । वर्तमान समय में हमारे देश की स्थिति पर बोलते हुए प्राची गुप्ता ने कहा कि आज का युवा महानगरों की भीड़ में केवल पैकेज के लिये अपना जीवन और प्रतिभा लगाये हुए है जबकि शिक्षा जगत को उच्च शिक्षित गंभीर प्रतिभाओं की आवश्यकता है । प्राची गुप्ता के अनुसार यदि आने वाले दस वर्षों के लिए भारत के उच्च शिक्षित युवा अपनी दक्षता और उर्जा को देश के शिक्षा क्षेत्र में लगा दें तो हमारा देश सच में विश्व गुरू होने की दिशा में अग्रसर हो सकता है ।
प्राची गुप्ता की इस उपलब्धि को शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा क़दम माना जा रहा है । वरिष्ठ अध्यापक डी एस केशरे ने अपनी स्टूडेंट रहीं प्राची गुप्ता को एक गंभीर चिन्तक और विजनरी बताते हुए इन्हें बड़वाह का गौरव निरूपित किया ।