
एम्स भोपाल ने आयोजित किया विद्यार्थियों के लिए सीपीआर जागरूकता सत्र
भोपाल(राहुल अग्रवाल)–25/7/25
कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में एम्स भोपाल आमजन में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ाने हेतु सामुदायिक सहभागिता पर आधारित कार्यक्रमों का नियमित रूप से आयोजन कर रहा है। इसी श्रृंखला में बाल रोग विभाग और ट्रॉमा एवं आपातकालीन चिकित्सा विभाग द्वारा भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी (आईएपी) द्वारा 14 से 28 जुलाई तक मनाए जा रहे सीपीआर जागरूकता पखवाड़े के अंतर्गत सागर पब्लिक स्कूल, भोपाल के विद्यार्थियों हेतु सीपीआर एवं आपात प्रतिक्रिया का प्रत्यक्ष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र का उद्देश्य विद्यार्थियों में आपातकालीन स्थितियों से निपटने की समझ, आत्मविश्वास एवं जीवन रक्षक तकनीकों का अभ्यास कराना था, जिससे वे संकट के समय किसी की जान बचा सकें। विशेषज्ञ प्रशिक्षण दल का नेतृत्व डॉ. गिरीश चंद्र भट्ट, डॉ. भूपेश्वरी पटेल एवं डॉ. बाबूलाल सोनी ने किया। सत्र के दौरान विद्यार्थियों को वयस्कों तथा शिशुओं में हृदय गति रुकने की स्थिति में किए जाने वाले सीपीआर का प्रत्यक्ष प्रदर्शन दिखाया गया। साथ ही, सांस की नली में अवरोध (चोकिंग) उत्पन्न होने पर प्राथमिक चिकित्सा द्वारा जीवन रक्षण की विधियाँ भी सिखाई गईं। वैश्विक आँकड़ों के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत हृदयगति रुकने की घटनाएँ अस्पताल के बाहर होती हैं और ऐसे में कोई प्रशिक्षित व्यक्ति यदि तुरंत सहायता करे, तो जीवन बचाया जा सकता है। भारत में इस प्रकार की जानकारी की कमी के कारण, अचानक हृदयगति रुकने के पश्चात जीवित बचने की संभावना 5 प्रतिशत से भी कम है। जबकि यदि प्रारंभिक तीन मिनटों में सीपीआर दिया जाए, तो यह संभावना तीन गुना तक बढ़ जाती है।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “एम्स भोपाल समाज के प्रत्येक वर्ग को जीवन रक्षक ज्ञान प्रदान करने के लिए भी समर्पित हैं। सीपीआर जैसी सरल लेकिन प्रभावी तकनीकें जीवन और मृत्यु के मध्य का अंतर सिद्ध हो सकती हैं। यदि हमारे विद्यार्थी इस ज्ञान को प्राप्त करें, तो वे केवल अपने परिवार नहीं, अपितु समाज के लिए भी रक्षक बन सकते हैं। विद्यालय स्तर पर इस प्रकार के प्रशिक्षण अति आवश्यक हैं।”