
अभाविप का भोपाल में 4 घंटे चला जोरदार प्रदर्शन
फैकल्टी अनुशासनहीनता, महिला प्राध्यापक के उत्पीड़न और हथियार लहराने के मामले पर आरजीपीवी में बुलाई गई आपात बैठक
भोपाल(राहुल अग्रवाल)–15/7/25
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप), भोपाल महानगर द्वारा राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (UIT) परिसर में 4 घंटे तक जोरदार प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय परिसर में लगातार हो रही गंभीर घटनाओं के विरोध में था, जिनमें महिला गेस्ट फैकल्टी के साथ दुर्व्यवहार, फैकल्टी सदस्यों द्वारा अनुशासनहीनता और परिसर में पिस्टल जैसे हथियार लहराने की घटनाएं शामिल हैं। परिषद ने इन घटनाओं को न केवल छात्र-शिक्षक संबंधों के लिए खतरा बताया, बल्कि विश्वविद्यालय की गरिमा पर सीधा आघात भी करार दिया।अभाविप के विरोध के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया और सह प्राध्यापक डॉ. मनीष अहिरवार एवं उदय चौरसिया से स्पष्टीकरण माँगा गया है। ज्ञात हो कि उदय चौरसिया द्वारा एक साथ दो डिग्रियाँ करने के मामले में भी अब विश्वविद्यालय द्वारा जांच शुरू की जा रही है। साथ ही UIT द्वारा थाना गांधी नगर को भेजे गए आधिकारिक पत्र में यह पुष्टि की गई है कि डॉ. मनीष अहिरवार द्वारा परिसर में पिस्टल लाया गया था, जो अत्यंत गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 15 जुलाई को एक आदेश (पत्र क्रमांक 765) जारी कर 121वीं कार्यपरिषद की आपात बैठक 17 जुलाई 2025 को दोपहर 3:00 बजे आयोजित करने की घोषणा की है। इस बैठक में हालिया घटनाओं पर विचार-विमर्श कर आवश्यक अनुशासनात्मक निर्णय लिए जाने की संभावना है। अभाविप का कहना है कि यह बैठक स्वयं परिषद के संघर्ष और आवाज़ का परिणाम है।अभाविप के महानगर मंत्री शिवम् जाट ने कहा कि कार्यपरिषद की यह बैठक परिषद की मांगों और छात्रों की आवाज़ का नतीजा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बैठक में दोषियों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी, अन्यथा अभाविप आंदोलन को और अधिक तेज करेगी। वहीं, प्रांत सह मंत्री हिमांशु शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब घटनाएं और प्रमाण दोनों सामने हैं, तो केवल बैठक से कुछ नहीं होगा, बल्कि ठोस परिणाम सामने आने चाहिए। अभाविप तब तक शांत नहीं बैठेगी जब तक कार्रवाई नहीं होती।परिषद ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि कार्यपरिषद की बैठक में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को प्रदेशव्यापी स्तर पर विस्तारित किया जाएगा। अभाविप का स्पष्ट कहना है कि वह विश्वविद्यालयों को डर, शोषण और सत्ता के दुरुपयोग से मुक्त कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।