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सिंहस्थ कुंभ में एक करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद, रेलवे चलाएगा 100 स्पेशल ट्रेनें

सिंहस्थ कुंभ में एक करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद, रेलवे चलाएगा 100 स्पेशल ट्रेनें

भोपाल/उज्जैन–24/6/2025

उज्जैन में साल 2028 में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होने वाला है। इस सिंहस्थ कुंभ के आजोयन को लेकर अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। रेलवे की ओर से इस सिंहस्थ कुंभ में एक करोड़ लोगों के आने का अनुमान जताते हुए तैयारियां की जा रही हैं। रेलवे का कहना है कि सिंहस्थ कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 100 स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जाएंगी, जिसके लिए रूट तैयार किए जा रहे हैं। बता दें कि सिंहस्थ कुंभ मेला भगवान शिव के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग वाली धार्मिक नगरी उज्जैन में हर 12 साल के अंतराल में क्षिप्रा नदी के तट पर लगता है।रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार ने इंदौर में कहा, ‘‘वर्ष 2016 के दौरान आयोजित पिछले सिंहस्थ कुंभ मेले में करीब 20 लाख लोग रेल से सफर करके उज्जैन पहुंचे थे। हमारा अनुमान है कि 2028 के सिंहस्थ मेले में यह तादाद पांच गुना बढ़कर एक करोड़ के आस-पास पहुंचने वाली है।इसके मद्देनजर हम नियमित रेलगाड़ियों के अलावा 100 विशेष ट्रेन चलाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि सिंहस्थ महाकुंभ के दौरान उमड़ने वाले श्रद्धालुओं के जनसैलाब को ध्यान में रखते हुए रेलवे की ओर से उज्जैन के अलावा इंदौर, महू, लक्ष्मीबाई नगर और आस-पास के अन्य रेलवे स्टेशनों को तैयार किया जा रहा है।रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार ने बताया कि इस विशाल धार्मिक समागम के दौरान रेलगाड़ियों को खड़ी करने की जगह के इंतजाम के लिए उज्जैन और आस-पास के रेलवे स्टेशनों पर 22 नई लाइन बिछाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 9 लाइन अकेले उज्जैन में बिछाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि उत्तम व्यवस्थाओं के चलते सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान रेल का सफर यात्रियों के लिए हमेशा यादगार रहेगा।’’ उन्होंने इंदौर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और रतलाम रेल मंडल की कई परियोजनाओं की समीक्षा भी की।सतीश कुमार ने बताया कि इंदौर-दाहोद परियोजना के तहत करीब 32 किलोमीटर लम्बी रेल लाइन बिछाई जा चुकी है। इस वित्तीय वर्ष में परियोजना की कुल 132 किलोमीटर की लम्बाई तक रेल लाइन बिछ जाएगी। उन्होंने कहा कि 132 किलोमीटर की इस लम्बाई के बाद आगे का भू-भाग थोड़ा मुश्किल है, इसलिए इंदौर से दाहोद तक पूरी रेल लाइन बिछाने में करीब तीन साल लग सकते हैं।

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