मोदी सरकार के 11 साल पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने खोली सरकार की पोल
भाजपा सरकार की 11 साल की ‘सेवा’ ❌ – "सिर्फ खाया मेवा !" ✅

भोपाल(राहुल अग्रवाल)–09/6/2025
मोदी सरकार के 11 साल पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने खोली सरकार की पोल
भाजपा सरकार की 11 साल की ‘सेवा’ ❌ – “सिर्फ खाया मेवा !” ✅
1. ज़मीन अधिग्रहण बिल (2015) – किसानों की ज़मीन छीनने की पहली कोशिश, ताकि कॉर्पोरेट मित्रों की जेब भरी जा सके, पर नाकाम रहे।
2. नोटबंदी (2016) – जनता की जेब खाली करवा कर पूंजीपतियों की तिजोरी भरी। सैकड़ो लोगों की बैंक की लाइन में खड़े-खड़े मौत हो गई, डिजिटल कंपनियों को अप्रत्याशित मुनाफा करवाया!
3. जीएसटी लागू (2017) – “एक टैक्स, सैकड़ो संशोधन”
आठ साल बाद भी सरकार एक टैक्स कानून बनाने में नाकाम रही। 8 साल बाद भी सरकार अभी तक किस पॉपकॉर्न पर कितना परसेंट टैक्स लगना चाहिए – यह फर्क नहीं कर पा रही है।
4.राफेल घोटाला (2017)– एक जेट का रेट 526 करोड़ से बढ़ाकर कर 1670 करोड़ कर दिया गया और सवाल पूछने पर फाइल जलवा दी गई।
5. दो करोड़ नौकरी हर साल – पिछले 11 साल में सरकार ने 22 करोड़ “आकांक्षी” युवाओं को नौकरी दी! ऐसा भाजपा का कहना है।
6. लॉकडाउन(2020)– बिना तैयारी के लॉकडाउन में मध्यमवर्ग और मजदूरों को सड़कों पर ला खड़ा किया। इस फैसले ने देश की इकोनॉमी और MSME सेक्टर की कमर तोड़ दी।
7. विश्व में भारतीय करेंसी ₹ में गिरावट – 30 मई 2014 को एक डॉलर का मूल्य ₹59.28 रुपये था। ‘मजबूत सरकार’ पिछले 11 साल में इसे ₹83.06 पर ले आई।
8. 2014-2024: महंगाई की मार – दाल, तेल, LPG से लेकर पढ़ाई और दवाई तक- हर चीज़ आम आदमी की पहुंच से बाहर। महंगाई 65% बढ़ गई।
9. पेट्रोल-डीज़ल की लूट – अंतरराष्ट्रीय दाम गिरते रहे, लेकिन देश में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी, “जनता त्रस्त, सरकार मस्त”।
2014 में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल लगभग ₹100 से ₹115 थी। उस समय भारत में पेट्रोल का दाम ₹60 से ₹70 प्रति लीटर था। जबकि आज कच्चे तेल की कीमत घटकर ₹70 से ₹80 प्रति बैरल रह गई है – यानी करीब आधी हो गई है। फिर भी आज भारत में पेट्रोल का दाम बढ़कर ₹110 प्रति लीटर के आसपास पहुंच गया है।
10. भ्रष्टाचारियों की वॉशिंग मशीन – भाजपा सरकार !
11. रेलवे की हालत गंभीर- प्लेटफॉर्म टिकट लगभग ₹50 कर दिए गए जिससे भारतीय रेलवे को करीब 140 करोड रुपए की कमाई हुई! सीनियर सिटीजन की सब्सिडी खत्म कर दी गई जिससे भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट बंद करके पिछले पांच सालों में लगभग 8,913 करोड़ रुपये की और अब कैंसिलेशन का चार्ज भी लगा दिया गया आए दिन रेलो के होते एक्सीडेंट अब आम बात हो गई है।
हालांकि उपलब्धियां की लिस्ट काफी लंबी है पर भाजपा चाहें तो इन ‘उपलब्धियों’ पर कोई स्मारक बना ले या इन्हें राष्ट्रीय छुट्टी घोषित कर दे — इस पर विपक्ष का पूर्ण समर्थन रहेगा ताकि देश इन उपलब्धियां को कभी न भूले।