डिजिटल स्पेस में मानव अधिकार संरक्षण एक बड़ी चुनौती – न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग का 31वां स्थापना दिवस कार्यक्रम सम्पन्न हुआ
डिजिटल स्पेस में मानव अधिकार संरक्षण एक बड़ी चुनौती – न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह
साइबर डोमेन में सब एक दूसरे की नज़र में है – सुश्री एन.एस. नप्पिनाई
डी-कॉमर्स के समय में मानव अधिकारों का संरक्षण आवश्यक – कृष्ण शास्त्री पेंड्याला
प्रगति के पांचवें सौपान में डिजिटल सुरक्षा के उपाय जरूरी – प्रोफेसर अतुल पाण्डेय
साइबर सुरक्षा व मानव अधिकार प्रासंगिक विषय – राजीव कुमार टण्डन
भोपाल(राहुल अग्रवाल)–14/9/25
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग का 31वां स्थापना दिवस कार्यक्रम आज दिनांक 13 सितम्बर, 2025(शनिवार) को आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में ‘’साइबर सुरक्षा – मानव अधिकार’’ विषय पर न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह, माननीय लोकायुक्त, मध्यप्रदेश के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि द्वारा मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा प्रकाशित विषय आधारित स्मारिका ‘’साइबर सुरक्षा एवं मानव अधिकार’’ का विमोचन एवं आयोग की नवीन वेबसाइट www.hrc.mp.gov.in का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सुश्री एन.एस.नप्पिनाई, वरिष्ठ अधिवक्ता, माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई-दिल्ली, विशिष्ट अतिथि कृष्ण शास्त्री पेड्ंयाला, कार्यकारी निदेशक, पी.डब्लू.सी. इंडिया, हैदराबाद एवं प्रो0 श्री अतुल पाण्डेय, निदेशक, राजीव गांधी साइबर लॉ सेंटर, एनएलआईयू, भोपाल ने ‘’साइबर सुरक्षा एवं मानव अधिकार’’ विषय पर पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से उद्बोधन दिया। साथ ही साइबर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अध्यक्ष(कार्यवाहक) राजीव कुमार टंडन ने मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी और कहा कि ‘’आज जब हम साइबर सुरक्षा की बात करते हैं तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इसका सीधा संबंध हमारे मानवाधिकारों से है।
हमारे डेटा की सुरक्षा हमारे निजता (Privacy) के अधिकार का एक अभिन्न अंग है। जब हमारा व्यक्तिगत (Personal) डेटा सुरक्षित नहीं होता तो यह हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर सकता है। इंटरनेट ने हमें अपनी बात रखने का एक शक्तिशाली मंच दिया है, लेकिन ऑनलाइन सेंसरशिप, फर्जी खबरों (fake news) का प्रसार और साइबर बुलिंग (cyber bullying) इस Freedom of Expression को बाधित कर रहे हैं। बच्चों और कमजोर वर्गों के खिलाफ ऑनलाइन शोषण एक गंभीर चिंता का विषय है। हमें एक ऐसा डिजिटल वातावरण बनाना होगा, जहां हर कोई सुरक्षित महसूस करे। इस चुनौती का सामना करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। हम सभी को ऑनलाइन सुरक्षित रहने के लिए जागरूक होना चाहिए। हमें अपनी जानकारी सुरक्षित रखने के तरीके सीखने चाहिए और फर्जी खबरों के प्रति सचेत रहना चाहिए। आज इस अवसर पर 2 youngsters का उल्लेख करना चाहूंगा। एक हैं, 17 वर्षीय तेजस्वी मनोज, जिन्हें time magazine ने kid of the year चुना है – तेजस्वी ने बुजुर्गों को साइबर ठगी से बचाने के ”शील्ड सीनियर्स” नाम की website बनाई है। ” साथ में कहा है कि साइबर फ्रॉड हो तो शर्मिन्दा न हों, रिपोर्ट करें।
दूसरा Roul john Aju – जो 16 वर्ष के केरला से हैं, अपना AI Set Up AI Realm Technologies बनाया है एवं कहते हैं कि India Should Create its own tech race, rather than joining the global AI race.
अंत में, उन्होंने कहा कि डिजिटल दुनिया का भविष्य हम सबके हाथों में है। हमें एक ऐसा डिजिटल समाज बनाना है, जो सिर्फ़ न केवल तकनीकी रूप से उन्नत न हो, बल्कि नैतिक रूप से भी मजबूत हो। एक ऐसा समाज जहां प्रौद्योगिकी मानव कल्याण के लिए काम करें, न कि उसके अधिकारों को छीनने के लिए। उन्होंने उम्मीद कि है कि इस कार्यक्रम में होने वाली चर्चाएँ हमें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए नई राह दिखाएंगी। पुन: आप सभी को आयोग के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामानएं।‘’
कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन एवं स्वागत उद्बोधन आयोग के प्रमुख सचिव मुकेश चंद गुप्ता तथा आभार प्रदर्शन आयोग के उप सचिव डी.एस. परमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी तदर्थ उद्घोषिका श्रीमती सुनीता सिंह द्वारा किया गया। अत: में सभी अतिथियों को आयोग की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किये गये।
कार्यक्रम के प्रतिभागी के रूप में आयोग के पूर्व पदाधिकारीगण, विभागों/संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारीगण, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, वरिष्ठ प्रशासनिक/पुलिस अधिकारीगण तथा विधि संकाय के प्राध्यापक एवं विद्यार्थीगण तथा अन्य संबंधित विभागों/संस्थानों के अधिकारीगण एवं आयोग के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित हुयें।