
राष्ट्रीय खेल दिवस कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पर खेल विषयों पर आयोजित हुआ सेमिनार
खेल भावना मैदान के साथ जीवन में भी जरूरी – मंत्री विश्वास कैलाश सारंग
भोपाल(राहुल अग्रवाल)–30/8/25
क्रिकेट निस्संदेह देश का सबसे लोकप्रिय खेल है, लेकिन खेलों का आकर्षण केवल ग्लैमर से नहीं, बल्कि जीत से आता है। जब खिलाड़ी जीतते हैं, तभी उनकी असली चमक दिखाई देती है। यह बात सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने शनिवार को तीन दिवसीय राष्ट्रीय खेल दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत दूसरे दिन आयोजित खेल विषयक सेमिनार को संबोधित करते हुए कही।
मंत्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान से खेल दिवस का महत्व और बढ़ गया है। तीन दिवसीय राष्ट्रीय खेल दिवस गतिविधियों का उद्देश्य देश में खेलों को सकारात्मक सोच और फिटनेस की ओर ले जाना है। उन्होंने कहा कि बिना फिटनेस कोई भी व्यक्ति सफल नहीं हो सकता। “देश की 140 करोड़ जनता भारत की आत्मा है और जब तक देश स्वस्थ नहीं होगा, उसकी आत्मा भी स्वस्थ नहीं रह सकती।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पहले अभिभावक मानते थे कि खेलों में बच्चों का भविष्य उज्ज्वल नहीं हो सकता, लेकिन प्रधानमंत्री जी की पहल ने यह सोच बदल दी है। आज खिलाड़ी न केवल खेल के मैदान में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि खेल केवल मैदान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जीवन के मैदान में भी अनुशासन, संयम, ताकत और जीत की भावना प्रदान करते हैं। “व्यक्ति और पशु के बीच का फर्क अनुशासन और संयम है। खिलाड़ियों को जीवन में सरलता और सादगी को अपनाना चाहिए, जैसा कि पूर्व क्रिकेटर मदनलाल ने किया। उनकी सफलता का मूल कारण यही है कि उन्होंने कभी ग्लैमर के पीछे नहीं भागा।” उन्होंने कहा कि समाज का प्रत्येक वर्ग खेलों से जुड़ना चाहिए और हर व्यक्ति को जागते हुए सपने देखने चाहिए, क्योंकि यही सफलता की असली राह है।
टाइम मैनेजमेंट और एटिट्यूड से ही तय होगा करियर
सेमिनार में पूर्व क्रिकेटर मदनलाल ने खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता के लिए समय प्रबंधन और सकारात्मक दृष्टिकोण सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि कभी यह पछतावा न रहे कि समय गंवा दिया। मैं भी सोचता हूँ कि काश मैंने समय का और बेहतर उपयोग किया होता तो और आगे बढ़ सकता था। इसलिए खिलाड़ी अपना समय बर्बाद न करें और अपने रवैये को हमेशा प्राथमिकता दें।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में खेलों को प्रोत्साहन देना सराहनीय है। खिलाड़ियों से संवाद करते हुए मदनलाल ने कहा कि अच्छा खेलना ही आपका पहला कर्तव्य है। “आप सभी पर्याप्त रूप से अच्छे हैं, तभी यहाँ तक पहुंचे हैं। एक अच्छा कोच हमेशा आपको परखेगा और यही पेशेवर खेल भावना का आधार है।प्रधानमंत्री श्री मोदी के ‘खेलो इंडिया’ अभियान की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहल खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने और नए अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने खिलाड़ियों को सलाह दी कि दूसरों से तुलना मत कीजिए, खुद से प्रतिस्पर्धा कीजिए। यदि कोई कमी है तो खुद को दोष दीजिए। आखिरकार मायने यही रखता है कि कौन प्रदर्शन करता है। मेहनत और आत्मअनुशासन के साथ खेलने वाले खिलाड़ी निश्चित रूप से चैंपियन बनेंगे।”
डोप टेस्ट से घबराना नहीं चाहिए – शशिकांत भारद्वाज
सेमिनार में नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के डोप कंट्रोल ऑफिसर शशिकांत भारद्वाज ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि किसी खिलाड़ी को बड़ा बनना है तो उसे डोप टेस्ट से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि हमेशा तैयार रहना चाहिए।उन्होंने बताया कि डोपिंग खेलों के मूल्यों के विरुद्ध है और इससे खिलाड़ियों पर प्रतिबंध भी लग सकता है। उन्होंने खिलाड़ियों को डोप एजुकेशन, टेस्टिंग प्रक्रिया, उल्लंघन और टीयूई (Therapeutic Use Exemption) से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी।उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को चिकित्सीय उपयोग छूट (TUE) की प्रक्रिया और नियमों की पूरी जानकारी होना चाहिए, ताकि वे किसी भी प्रकार की अनजानी गलती से बच सकें।
हमेशा बेहतर करने पर फोकस करें-डॉ संजना किरण
हाइपरफॉर्मेंस स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट डॉ. संजना किरन ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप जो समय दे रहे हैं, क्या आप उसे पूरे लगाव से उपयोग में ला रहे हैं? यदि वास्तव में सीखना है तो यह सोचना पड़ेगा कि मैं क्या बेहतर कर सकता हूँ। उन्होंने कहा कि लाखों बच्चे ऐसे हैं जो आपकी जगह लेना चाहते हैं और उसी अवसर की तलाश में हैं जो आपको मिला है। इसलिए हमेशा जो अवसर और सुविधाएँ मिली हैं, उनका आभार व्यक्त करें और उन्हें संजोकर रखें। तभी आप अपने करियर में उनका सही लाभ उठा पाएंगे।
समय पर उपचार और सही प्रशिक्षण तकनीक से बड़ी चोटों से बचा जा सकता है -डॉ. मनोज नागर
स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. मनोज नागर ने खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स इंजरी के विषय में जानकारी दी। उन्होंने खेल गतिविधियों के दौरान होने वाली सामान्य चोटों, उनके उपचार और बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों को सजग रहते हुए प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं में चोटों से बचने के व्यावहारिक सुझाव भी दिए। डॉ. नागर ने खिलाड़ियों को बताया कि समय पर उपचार और सही प्रशिक्षण तकनीक अपनाने से बड़ी चोटों से बचा जा सकता है। उन्होंने वार्मअप, स्ट्रेचिंग और उचित आहार के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि यदि खिलाड़ी नियमित रूप से इन आदतों का पालन करें तो चोटों की संभावना काफी हद तक कम की जा सकती है। उन्होंने खिलाड़ियों को यह भी संदेश दिया कि चोट लगने पर उसे नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें, ताकि करियर पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
सेमिनार में पूर्व क्रिकेटर और मोटिवेशनल स्पीकर मदनलाल शर्मा, स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. मनोज नागर, हाइपरफॉर्मेंस स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट डॉ. संजना किरन, तथा एंटी-डोपिंग जागरूकता पर व्याख्यान देने वाले शशिकांत भारद्वाज ने खेलों से जुड़ी प्रमुख जानकारियाँ और प्रेरणादायी संदेश साझा किए; इस कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के निदेशक राकेश गुप्ता, स्पोर्ट्स अथोरिटी ऑफ इंडिया सीआरसी भोपाल के रिजनल डायरेक्टर अभिषेक चौहान व अन्य विभागीय अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।